Bajrang Baan Pdf अर्थ सहित हिंदी PDF डाउनलोड करें

अगर आप Bajrang baan Pdf को समझना और डाउनलोड करना चाहते हैं, तो आप सही जगह पर आए हैं! बजरंग बाण एक शक्तिशाली प्रार्थना है जो भगवान हनुमान को समर्पित है, और इस पोस्ट में हम इसके विभिन्न पहलुओं पर गहरे खड़े हो जाएंगे, जैसे बजरंग बाण का अर्थ हिंदी में,

Bajrang Baan Pdf

बजरंग बाण PDF डाउनलोड करें | पूरा पाठ दोहा और चौपाई के साथ | Bajrang Baan Hindi में

स्वागत है आपका हमारे ब्लॉग पोस्ट में, जहां हम बजरंग बाण के बारे में बात करेंगे - ये एक प्रभावशाली और सम्मनित प्रार्थना है, जो भगवान हनुमान को समर्पित है। इस पोस्ट में हम इस पवित्र ग्रंथ के विभिन पहलुओं पर चर्चा करेंगे, जैसे बजरंग बाण pdf, बजरंग बाण का पाठ अर्थ सहित, और बजरंग बाण पीडीऍफ़ गीता प्रेस । चलो बजरंग बाण की दुनिया में घुसते हैं।

॥ दोहा ॥

निश्चय प्रेम प्रतीति ते, बिनय करै सनमान ।
तेहि के कारज सकल शुभ, सिद्ध करै हनुमान ॥

॥ चौपाई ॥

जय हनुमन्त सन्त हितकारी । सुनि लीजै प्रभु अरज हमारी ॥
जन के काज विलम्ब न कीजै । आतुर दौरि महा सुख दीजै ॥

जैसे कूदि सिन्धु वहि पारा । सुरसा बदन पैठि बिस्तारा ॥
आगे जाय लंकिनी रोका । मारेहु लात गई सुर लोका ॥

जाय विभीषण को सुख दीन्हा । सीता निरखि परम पद लीन्हा ॥
बाग उजारि सिन्धु महं बोरा । अति आतुर यम कातर तोरा ॥

अक्षय कुमार मारि संहारा । लूम लपेटि लंक को जारा ॥
लाह समान लंक जरि गई । जय जय धुनि सुर पुर महं भई ॥

अब विलम्ब केहि कारण स्वामी । कृपा करहुं उर अन्तर्यामी ॥
जय जय लक्ष्मण प्राण के दाता । आतुर होइ दु:ख करहुं निपाता ॥

जय गिरिधर जय जय सुख सागर । सुर समूह समरथ भटनागर ॥
ॐ हनु हनु हनु हनु हनुमन्त हठीले । बैरिहिं मारू बज्र की कीले ॥
गदा बज्र लै बैरिहिं मारो । महाराज प्रभु दास उबारो ॥

ॐकार हुंकार महाप्रभु धावो । बज्र गदा हनु विलम्ब न लावो ॥
ॐ ह्रीं ह्रीं ह्रीं हनुमन्त कपीसा । ॐ हुं हुं हुं हनु अरि उर शीशा ॥

सत्य होउ हरि शपथ पायके । रामदूत धरु मारु धाय के ॥
जय जय जय हनुमन्त अगाधा । दु:ख पावत जन केहि अपराधा ॥

पूजा जप तप नेम अचारा । नहिं जानत कछु दास तुम्हारा ॥
वन उपवन मग गिरि गृह माहीं । तुमरे बल हम डरपत नाहीं ॥

पाय परौं कर जोरि मनावों । यह अवसर अब केहि गोहरावों ॥
जय अंजनि कुमार बलवन्ता । शंकर सुवन धीर हनुमन्ता ॥

बदन कराल काल कुल घालक । राम सहाय सदा प्रतिपालक ॥
भूत प्रेत पिशाच निशाचर । अग्नि बैताल काल मारीमर ॥

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इन्हें मारु तोहि शपथ राम की । राखु नाथ मरजाद नाम की ॥
जनकसुता हरि दास कहावो । ताकी शपथ विलम्ब न लावो ॥

जय जय जय धुनि होत अकाशा । सुमिरत होत दुसह दु:ख नाशा ॥
चरण शरण करि जोरि मनावों । यहि अवसर अब केहि गोहरावों ॥

उठु उठु चलु तोहिं राम दुहाई । पांय परौं कर जोरि मनाई ॥
ॐ चं चं चं चं चपल चलन्ता । ॐ हनु हनु हनु हनु हनुमन्ता ॥
ॐ हं हं हांक देत कपि चञ्चल । ॐ सं सं सहम पराने खल दल ॥

अपने जन को तुरत उबारो । सुमिरत होय आनन्द हमारो ॥
यहि बजरंग बाण जेहि मारो । ताहि कहो फिर कौन उबारो ॥

पाठ करै बजरंग बाण की । हनुमत रक्षा करै प्राण की ॥
यह बजरंग बाण जो जापै । तेहि ते भूत प्रेत सब कांपे ॥
धूप देय अरु जपै हमेशा । ताके तन नहिं रहे कलेशा ॥

॥ दोहा ॥

प्रेम प्रतीतिहिं कपि भजै, सदा धरै उर ध्यान ।
तेहि के कारज सकल शुभ, सिद्ध करै हनुमान ॥

Bajrang Baan Arth Sahit: बजरंग बाण हिंदी अर्थ सहित पीडीऍफ़

बजरंग बाण हिंदी अर्थ सहित पीडीऍफ़

बजरंग बाण एक शक्तिशाली प्रार्थना है, जो भारत के प्रसिद्ध कवि-संत तुलसीदास ने लिखी है। ये भगवान हनुमान को समर्पित है, जो 'बजरंग बली' के नाम से भी जाने हैं उनके अत्याचार बल और भगवान राम के प्रति भक्ति के कारण। बजरंग बाण को श्रद्धा और भक्ति से बोलने से सहस, शक्ति, और विभिनन बढ़ाओ और कठिनियों से सुरक्षा प्राप्त होती है।

बजरंग बाण में काई पड़ी है, जिस्मे दोहा (दोहा) और चौपाई (चौपाई) शामिल हैं। In Padyon ke Hindi me art (बजरंग बाण हिंदी अर्थ सहित पीडीऍफ़) samajhna बहुत जरूरी है ताकि इस प्रार्थना की शक्ति और महता को पूरी तरह समझ सके। काई बजरंग बाण पीडीएफ़ में अनुवाद और व्याख्या शामिल होती हैं जो पथकों को ग्रंथ के अर्थ को समझने में मदद करती हैं।

Bajrang Baan Bolna: Sahi Tarike Se

बजरंग बाण बोलने से पहले, सही तारिका (बजरंग बाण पाठ की विधि) अपनाना बहुत जरूरी है ताकि बेहतर परिणाम मिले। नीचे बजरंग बाण बोलने के लिए कुछ नियम दिए गए हैं:
    1. पाथ के लिए साफ और शांत जगह चुनी।
    2. पवित्र अवतार बनाने के लिए एक दिया या अगरबत्ती जलाई।
    3. आराम से बैठिए, पूरब या उत्तर की तरफ मुह करके, और कुछ गहरी सांसें लेकर अपने मन को शांत कीजिए।
    4. दोहा (दोहा) और चौपाई (चौपाई) पद्यों को स्पष्ट और स्थिर आवाज़ में बोले। बोलते वक्त ध्यान और भक्ति बनाए राखे।
    5. बजरंग बाण पूरा कर
    6. बजरंग बाण पाठ हमेशा मंगलवार से ही आरंभ करना चाहिए। 
    7. पाठ करने के लिए मंगलवार के दिन सूर्योदय से पूर्व स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें। 
    8. जिस स्थान पर भी आप पूजा करना चाहते हैं उस स्थान को अच्छे से साफ करें और भगवान हनुमान जी की मूर्ति स्थापित करें। जैसा कि हम सभी जानते हैं भगवान गणेश सभी देवों में प्रथम पूजनीय हैं। इसलिए सर्वप्रथम गणेश जी की आराधना करें और फिर बजरंग बाण का पाठ आरंभ करें। 
    9. इसके बाद भगवान राम और माता सीता का ध्यान करें और हमुमान जी को प्रणाम करके बजरंग बाण के पाठ का संकल्प लें। 
    10. हनुमान जी को फूल अर्पित करें और उनके समक्ष धूप, दीप जलाएं।
    11.  कुश से बना आसन बिछाएं और उसपर बैठकर बजरंग बाण का पाठ आरंभ करें। 
    12. बजरंग बाण पाठ पूर्ण होने के बाद भगवान श्री राम का स्मरण और कीर्तन करें। 
    13. हनुमान जी को प्रसाद के रूप में चूरमा, लड्डू और अन्य मौसमी फल आदि अर्पित करें।

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