Download the Powerful Tara Mantra PDF l Tarak Mantra Lyrics PDF.

क्या आप अपने आत्मिक विकास और सुरक्षा की तलाश में है? तो अब और ना खोजे! तारा मंत्र एक शक्तिशाली और परिवर्तनात्मक उपाय है जो शताब्दीयों से देवी तारा के दिव्य स्त्री ऊर्जा से जुड़ने के लिए प्रयोग किया जाता है। क्या ब्लॉग पोस्ट में, आप तारा मंत्र की महत्त्व, फ़ायदे और इसका अभ्यास कैसे करना है, इसके बारे में जानेंगे। और साथ ही साथ, आप Tara Mantra PDF को मुफ्त में डाउनलोड कर अपना आत्मिक सफर शुरू कर सकते हैं!

Download Swami Samarth Tarak Mantra Pdf l Tarak Mantra pdf Lyrics PDF

निशंक होई रे मना,निर्भय होई रे मना।
प्रचंड स्वामीबळ पाठीशी, नित्य आहे रे मना।
अतर्क्य अवधूत हे स्मर्तुगामी,
अशक्य ही शक्य करतील स्वामी।।१।।
जिथे स्वामीचरण तिथे न्युन्य काय,
स्वये भक्त प्रारब्ध घडवी ही माय।
आज्ञेवीना काळ ही ना नेई त्याला,
परलोकी ही ना भीती तयाला
अशक्य ही शक्य करतील स्वामी।।२।।
उगाची भितोसी भय हे पळु दे,
वसे अंतरी ही स्वामीशक्ति कळु दे।
जगी जन्म मृत्यु असे खेळ ज्यांचा,
नको घाबरू तू असे बाळ त्यांचा
अशक्य ही शक्य करतील स्वामी।।३।।
खरा होई जागा श्रद्धेसहित,
कसा होसी त्याविण तू स्वामिभक्त।
आठव! कितीदा दिली त्यांनीच साथ,
नको डगमगु स्वामी देतील हात
अशक्य ही शक्य करतील स्वामी।।४।।
विभूति नमननाम ध्यानार्दी तीर्थ,
स्वामीच या पंचामृतात।
हे तीर्थ घेइ आठवी रे प्रचिती,
ना सोडती तया, जया स्वामी घेती हाती ।।५।।
अशक्य ही शक्य करतील स्वामी
अशक्य ही शक्य करतील स्वामी
।। श्री स्वामी समर्थ ।

Devi Tara kon hai?

तारा, तिब्बती बौद्ध धर्म में जेटसन डोलमा के रूप में जानी जाती है, जो दया, सुरक्षा और आत्मिक जागृति की एक महिला बोधिसत्व है। उन्हें सभी बुद्धों की मां मन जाता है और 21 विभिन्न प्रकारों के उनके रूप होते हैं, जिस्मे प्रत्येक एक उनके देवी ऊर्जा का एक विशिष्ट आयाम दृष्टि है। सबसे अधिक जानी जानी वाली तारा के रूप है हरी तारा और सफेद तारा, जो क्रिया और शमन को दर्शता है।

Tara Mantra kya hai?

तारा मंत्र एक पवित्र जाप है जो देवी तारा की कृपा को बुलाता है। ये शक्तिशाली मंत्र आपके आत्मिक मार्ग पर आपको मार्गदर्शन करने के लिए एक उपाय का काम करता है, जिसे उसकी दिव्य सुरक्षा और ज्ञान को बुलाया जाता है। निम्ंलिखित तारा मंत्र सबसे प्राचलित संस्करण है:

तारा मंत्र का क्या अर्थ है?
ओम: दिव्य तत्व को दर्शता है, ब्रह्माण्ड की ध्वनि को और शरीर, वाक और मन के मिलन को।
तारे: तारा को बुलाता है, जो दुख और भय से मुक्ति देने वाली है।
तुतारे: बाहरी खतरों से और अंदर के बढ़ाओ से, जैसे ज्ञान और अनुराग जैसे, सुरक्षा दर्शता है।
तूर: तारा की शक्ति को आपकी मदद और आत्मिक विकास के लिए जल्दी देने की प्रतीक है।
स्वाहा: भगवान के सामने अपने आप को अर्पण करने और मंत्र को पूरा करने का प्रतिक है।

तारा मंत्र के क्या फायदे

तारा मंत्र जाप का आत्मिक और मानसिक लाभ लाता है, जिस्मे से कुछ इस प्रकार है: सुरक्षा: तारा बाहरी और अंदर के खतरों से सुरक्षा देने में जानी जाती है, जिसे आपको सुरक्षित और सुरक्षित महसूस होता है। आत्मिक जागृति: तारा मंत्र का नियमित अभ्यास आपको अपनी आत्मा से जोड़ने में मदद करता है, जिससे आत्मिक विकास और अंतरिक शांति प्राप्त होती है। शमन: मंत्र के पौष्टिक गुणों से शरीर, मानसिक और भौतिक दर्द से मुक्ति प्राप्त होती है। में सहायत करता है, जिससे आपकी जिंदगी में बेहतर निर्णय लेने में सहायत मिलती है। शुद्धि: मंत्र बूरा कर्म को शुद्ध करता है और आत्मिक मार्ग पर आने वाले बढ़ाओ को दूर करता है।

Tara Mantra ka abhyaas kaise kare?

यहां एक सरल सा मार्गदर्शन है तारा मंत्र का अभ्यास कैसे करना है:

एक शांत और सुविधा जनक स्थान खोजें, जहाँ आप ध्यान में बैठ सकते हैं या घुटने के बल बैठ सकते हैं।अपनी आंखें बंद करें और कुछ गहरी सांस लेकर अपना शरीर और मन शांत रखें। देवी तारा के सामने अपने मन में उनकी दिव्य ऊर्जा और दया को विज़ुअलाइज़ करें। मंत्र का जाप शुरू करें, चाहे तो

Next Post Previous Post
No Comment
Add Comment
comment url